Tuesday, August 23, 2016

ज़रूरी है


राख़ में चिन्गारी रहे, ये ज़रूरी है,
हिम्मत में लाचारी रहे ये ज़रूरी है.

हर चीज़ हवा में उड़े अच्छा नहीं ये,
इमान कुछ भारी रहे, ये ज़रूरी है.

हूकूमत जीने नहीं देगी ये रिवायत है,
पर मुखा़लफ़त जारी रहे ये ज़रूरी है.

जो डर हटा तो जानवर घर में घुसेंगे,
कहीं कहीं पे शिकारी रहे ये ज़रूरी है.

मय छोड़ी तो अहबाब घर नहीं आते,
थोड़ी पीने की बीमारी रहे ये ज़रूरी है.

कमबख़्त जवां क्यू़ं हुई बेटी की जात,
अब बच के बेचारी रहे, ये ज़रूरी है.

वो जो कहे़ं वो सच, हमें बोलना मना,
कुछ तो रायशुमारी रहे, ये ज़रूरी है.

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