Saturday, October 24, 2009

अब कौन किसका हमकदम औ' साया है।
वो मेरा हिस्सा था कल तलक, अब पराया है।

ज़रा देर मुझे इस फुटपाथ पे गिर जाने दे..
मुझे हवा ने बरसों तलक उड़ाया है।

आँखे भीगी भीगी लग रही हैं सुबह से,
किसी ख्वाब ने किस कदर सताया है।

फलक की ओर से एक रौशनी सी आई है,
अब चलूँ, किसी ने प्यार से बुलाया है.

No comments:

Post a Comment